
रायपुर। बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। आयोग ने प्रदेश के 11 आईएएस और 2 आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। ये सभी अधिकारी 3 अक्टूबर को नई दिल्ली में होने वाली ब्रीफिंग बैठक में शामिल होंगे।

दिल्ली में होगी अहम बैठक
निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर सभी अधिकारियों को समय पर मीटिंग में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। यह बैठक इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित होगी। आयोग ने साफ कहा है कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुचारू संचालन के लिए यह ब्रीफिंग बेहद अहम है। किसी भी अधिकारी की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया जाएगा और बिना अनुमति अनुपस्थित पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है।
आयोग ने निर्देश दिया है कि बैठक की सूचना मिलने के 24 घंटे के भीतर अधिकारी अपनी उपलब्धता और स्वीकृति की पुष्टि करें। इसके साथ ही एक लिखित रिपोर्ट भी आयोग को भेजना अनिवार्य है। आयोग की ओर से जारी पत्र पर अवर सचिव एम.एल. मीना के हस्ताक्षर हैं।
बिहार का विधानसभा चुनाव हमेशा से देश की राजनीति में अहम माना जाता है। यही वजह है कि आयोग ने छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों से अनुभवी और सक्षम अफसरों को पर्यवेक्षक बनाया है। इन अधिकारियों की मुख्य जिम्मेदारी होगी —मतदान प्रक्रिया की निष्पक्ष निगरानी किसी भी गड़बड़ी या शिकायत की तत्काल रिपोर्टचुनाव की पारदर्शिता सुनिश्चित करना।



