पूर्व महापौर के बेटे को कुत्ते ने कांटा, नगर निगम और सरकार पर गंभीर आरोप

रायपुर। राजधानी रायपुर में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक का एक और गंभीर मामला सामने आया है। पूर्व महापौर प्रमोद दुबे के बेटे को आवारा कुत्तों ने दौड़ाकर काट लिया। इस घटना के बाद पूर्व महापौर ने नगर निगम और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है और डॉग बाइट की समस्या को लेकर प्रशासनिक उदासीनता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
प्रमोद दुबे ने कहा कि बीते एक वर्ष में रायपुर में करीब 51 हजार डॉग बाइट के मामले सामने आए हैं, जो यह स्पष्ट करते हैं कि समस्या के समाधान के लिए कोई प्रभावी प्रयास नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि संवेदनशील मुद्दों पर कार्रवाई के लिए बनी योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं।
नगर निगम- सरकार के टकराव का खामियाजा जनता भुगत रही
पूर्व महापौर ने कहा कि यह स्थिति रायपुर नगर निगम और राज्य सरकार के बीच आपसी टकराव का नतीजा है, जिसका सीधा खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें आवारा कुत्ते लोगों को काटते, नोचते और घसीटते हुए नजर आ रहे हैं।
उन्होंने अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया कि उनके बेटे को चार आवारा कुत्तों ने दौड़ाकर काटा, जो शहर में आम लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।नसबंदी, टीकाकरण और शेल्टर होम सिर्फ कागजों पर प्रमोद दुबे ने आरोप लगाया कि आवारा कुत्तों के नाम पर कुछ अधिकारी और भाजपा नेता अपनी जेब भरने में लगे हैं, जबकि आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।
उन्होंने कहा कि कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और शेल्टर होम जैसी योजनाएं केवल दस्तावेजों में संचालित हो रही हैं, जमीनी स्तर पर इनका कोई असर नहीं दिख रहा। पूर्व महापौर ने मांग की कि डॉग बाइट की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए तत्काल ठोस और प्रभावी कार्रवाई की जाए, ताकि राजधानी के नागरिकों को इस भयावह स्थिति से राहत मिल सके।



