
नई दिल्ली। देश में डिजिटल सुरक्षा को लेकर एक बड़ी चेतावनी सामने आई है। साइबर सुरक्षा एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में 68 करोड़ लोगों के ई-मेल, सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन अकाउंट्स के पासवर्ड लीक होने की आशंका जताई गई है। यह लीक डेटा इंटरनेट के डार्क वेब और अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध बताया जा रहा है, जिससे आम यूज़र्स से लेकर संस्थानों तक की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, यह कोई एक कंपनी या प्लेटफॉर्म का डेटा ब्रीच नहीं है, बल्कि पिछले कई वर्षों में हुए अलग-अलग हैकिंग मामलों से जुटाए गए लॉग-इन डाटा का बड़ा संग्रह है। इसमें ई-मेल आईडी, यूज़रनेम और पासवर्ड शामिल हैं, जिनका दुरुपयोग कर साइबर अपराधी बैंकिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया हैकिंग, पहचान चोरी और फिशिंग जैसे अपराधों को अंजाम दे सकते हैं।
हाल ही में साइबर सेल और तकनीकी रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दर्जनों करोड़ ई-मेल अकाउंट्स से जुड़े पासवर्ड लीक हो चुके हैं। इनमें Gmail, Facebook, Instagram और अन्य लोकप्रिय डिजिटल सेवाओं से जुड़े अकाउंट्स भी शामिल हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जो यूज़र एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल कई प्लेटफॉर्म पर करते हैं, वे सबसे ज्यादा जोखिम में हैं।
क्यों बढ़ा खतरा?
पुराने डेटा ब्रीच का एक साथ सामने आना
कमजोर और बार-बार इस्तेमाल किए गए पासवर्ड
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग न करना
क्या करें यूज़र?: साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने लोगों को तुरंत सतर्क रहने की सलाह दी है। अपने ई-मेल, सोशल मीडिया और बैंकिंग अकाउंट के पासवर्ड तुरंत बदलें। हर प्लेटफॉर्म के लिए अलग और मजबूत पासवर्ड रखें।टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) जरूर चालू करें। संदिग्ध लिंक, ई-मेल और कॉल से दूरी बनाएं।
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिजिटल युग में पासवर्ड ही सबसे बड़ी चाबी है, और उसकी सुरक्षा में लापरवाही भारी नुकसान का कारण बन सकती है। ऐसे में जरूरी है कि यूज़र समय-समय पर अपने पासवर्ड अपडेट करें और ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर सजग रहें।




