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अब बिना भवन-शिक्षक वाले कॉलेज नहीं खुलेंगे, मौजूदा कॉलेजों की खामियां भी दूर होंगी: टंकराम वर्मा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते कई सालों से लगातार कॉलेजों की संख्या तो बढ़ती गई, लेकिन उनमें आधारभूत सुविधाओं का गंभीर अभाव देखने को मिला। कहीं भवन नहीं बने, तो कहीं शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई। राजनीतिक दबाव और मांग पर कॉलेज खोल दिए गए, लेकिन उनमें पढ़ाई और गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। इस स्थिति को सुधारने के लिए अब सरकार ने ठोस पहल की है।

उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने स्पष्ट किया है कि अब ऐसा नहीं होगा। बिना भवन, शिक्षक और आवश्यक संसाधनों के कोई भी नया कॉलेज नहीं खुलेगा। साथ ही, जो कॉलेज पहले से संचालित हैं लेकिन अधूरी व्यवस्थाओं के कारण छात्रों को दिक्कत हो रही है, उन्हें भी सुधारा जाएगा।

राजनीतिक मांग पर खुले कॉलेज, सुविधाओं की कमी से परेशान छात्र

मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि पिछली सरकार में सिर्फ राजनीतिक मांगों को पूरा करने के लिए कॉलेज खोले गए। इन कॉलेजों में न तो स्थायी भवन बने और न ही शिक्षकों की पर्याप्त संख्या रही। नतीजतन, छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रहना पड़ा। उच्च शिक्षा मंत्री का कहना है कि यह परंपरा अब खत्म होगी। नए कॉलेज तभी खुलेंगे जब सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

सहायक प्रोफेसर भर्ती का जल्द निकलेगा विज्ञापन

सरकार ने 625 पदों पद सहायक प्रोफेसर के पदों पर भर्ती करने का एलान किया है। मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि इसकी प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही CGPSC के जरिए इसका विज्ञापन निकलेगा। अब जल्द ही कई विषयों के लिए नियमित फैकल्टी उपलब्ध होंगे। जल्द ही कॉलेजों में खाली पदों पर नियुक्तियां होंगी और शिक्षण व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

उद्योगों से जोड़ा जाएगा शिक्षा को

सरकार का उद्देश्य शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित न रखकर उसे रोजगारपरक बनाना है। मंत्री वर्मा ने बताया कि कौशल विकास के लिए अग्रणी कॉलेजों में विशेष कौशल केंद्र (Skill Development Centers) खोले जाएंगे। इन केंद्रों के जरिए छात्रों को उद्योगों से जोड़ा जाएगा, ताकि पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी मिल सकें।

शहरों से गांवों की ओर जाएंगे शिक्षक

मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि स्कूलों की तरह कॉलेजों में युक्तियुक्तकरण नहीं होगा। मगर समायोजन करके संतुलन बनाया जाएगा। शहरों में तैनात शिक्षकों को गांवों के कॉलेजों में भेजा जाएगा। इससे ग्रामीण छात्रों को भी बेहतर शिक्षा मिल सकेगी और शहर-गांव के बीच शिक्षा का अंतर कम होगा।

1002922931 removebg previewपहले राजनीतिक मांग पर कॉलेज तो खोल दिए गए, लेकिन उनमें न भवन था और न शिक्षक। अब ऐसा नहीं होगा। बिना आवश्यक सुविधाओं के कोई नया कॉलेज नहीं खुलेगा। जो कॉलेज पहले से संचालित हैं, उन्हें भी पूरी सुविधाओं से संवारा जाएगा। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना हमारी प्राथमिकता है। जल्द ही खाली पदों पर भर्ती होगी और कॉलेजों को उद्योगों से जोड़कर छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा दी जाएगी- टंकराम वर्मा,उच्च शिक्षा मंत्री

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CG Bulletin Desk1

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