
रायपुर – मध्यप्रदेश के बाद हैदराबाद तेलंगाना सरकार ने एक साहसिक और पारदर्शिता-उन्मुख निर्णय लेकर सभी परिवहन (ट्रांसपोर्ट) चेक पोस्ट (इंटर-स्टेट / बॉर्डर) को बंद करने का आदेश जारी किया। यह कदम केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की उस सलाह के अनुरूप है, जिसमें जीएसटी लागू होने के बाद इन चेक पोस्टों की आवश्यकता को समाप्त माना गया था। अब वाहन चालकों को टेम्पररी परमिट और वाहन कर भुगतान ऑनलाइन VAHAN पोर्टल या संबंधित ट्रांसपोर्ट विभाग की वेबसाइट से उपलब्ध होंगे। वाहनों की निगरानी और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए ANPR (आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) तकनीक के साथ e-enforcement सिस्टम, मोबाइल टीम, और एमवीआई अधिकारियों का पुनःतैनाती जैसे तंत्र अपनाए जा रहे हैं। सरकार का मकसद है — पारदर्शिता बढ़ाना, ट्रांसपोर्ट की गति बढ़ाना, भ्रष्टाचार को कम करना और ‘Ease of Doing Business’ सुधारना।
छत्तीसगढ़ में घोषणा तो हुई, लेकिन क्रियान्वयन अब तक नहीं!
छत्तीसगढ़ में पिछले वर्षों में कई बार कमार्शियल / इंटर-स्टेट चेक पोस्ट्स को बंद करने की घोषणाएँ हुईं। जुलाई 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य में 16 वाणिज्य कर (कॉमर्शियल टैक्स) चेक पोस्ट्स को भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद बंद कर दिया था। मगर 2020 में भूपेश सरकार ने चेक पोस्टों को खोलने का आदेश जारी किया, तब सुरक्षा और टैक्स चोरी को रोकने का दावा किया गया। हालांकि 2023 के चुनाव के पहले विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने बंद करने का वायदा किया था। मगर सरकार बनने के डेढ़ साल भी बरियर बंद नहीं किए गए।




