
Raipur News : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक कथित न्यूड पार्टी का पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। पोस्टर में खुले तौर पर युवाओं को आमंत्रित किया गया था, जिससे समाज के अलग-अलग वर्गों और राजनीतिक हलकों में गुस्से की लहर दौड़ गई।
हाल ही में राज्य में युवाओं की पार्टियों में ड्रग्स परोसने और महिलाओं को मुफ्त शराब उपलब्ध कराने की खबरों ने बवाल खड़ा किया था। इस विवाद का शोर अभी थमा भी नहीं था कि अब रायपुर में ‘न्यूड पार्टी कल्चर’ की चर्चा ने हर किसी को चौंका दिया है।
सोशल मीडिया पर आक्रोश
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस पोस्टर को लेकर जमकर बहस छिड़ गई। बड़ी संख्या में लोग इस पोस्टर को प्रदेश की संस्कृति पर धब्बा बताते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई यूजर्स ने इसे युवाओं को गुमराह करने की कोशिश करार दिया तो कईयों ने इसे अश्लीलता और नशे की ओर धकेलने की साजिश बताया।

कांग्रेस ने इस पोस्टर को लेकर सरकार पर निशाना साधा। पार्टी नेताओं का कहना है कि राज्य में नशे और अश्लीलता का बढ़ता कल्चर युवाओं को बर्बादी की ओर धकेल रहा है। कांग्रेस ने इसे समाज को दूषित करने की सुनियोजित चाल करार दिया और प्रशासन से मांग की कि ऐसे आयोजनों को तुरंत रोका जाए। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि यह सब योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। उनका आरोप है कि युवाओं को नशे और नग्नता की आड़ में अपराध की तरफ धकेला जा रहा है।
जाने सरकार ने क्या कहा
सत्तारूढ़ दल से भी इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आईं।
कैबिनेट मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि राज्य में युवाओं की स्थिति चिंता का विषय बन चुकी है। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पिछले शासनकाल में युवाओं को गुमराह करने वाले ट्रेंड्स को बढ़ावा दिया गया।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पुलिस और प्रशासन वायरल पोस्टर की हकीकत की जांच करेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सांस्कृतिक मूल्यों पर हमला?
छत्तीसगढ़ की अपनी अलग पहचान और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। यहां के त्योहार, परंपराएं और जीवनशैली हमेशा से सादगी और सामाजिक सौहार्द के लिए जानी जाती हैं। ऐसे में रायपुर में ‘न्यूड पार्टी’ जैसे ट्रेंड्स की शुरुआत ने समाज को चिंता में डाल दिया है।
सामाजिक संगठनों ने भी इस पोस्टर पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह न केवल अश्लीलता फैलाने का प्रयास है बल्कि युवाओं को गलत राह पर ले जाने की कोशिश भी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस तरह के आयोजनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और निगरानी होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे प्रयास दोहराए न जा सकें।
हकीकत क्या है?
वायरल हुए इस पोस्टर की असलियत पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और यह देखा जा रहा है कि कहीं यह किसी समूह द्वारा सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की कोशिश तो नहीं है। अधिकारियों ने कहा है कि यदि पोस्टर असली है तो आयोजकों पर सख्त कार्रवाई होगी और अगर यह फर्जी है तो अफवाह फैलाने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा।



