
रायपुर – छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही जंग अब निर्णायक मोड़ पर नजर आ रही है। बस्तर के जंगलों तक सीमित रहे नक्सली अब राजधानी रायपुर की चौखट पर भी पकड़े जा रहे हैं। शुक्रवार को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने रायपुर के डीडी नगर इलाके से एक नक्सली दंपति को गिरफ्तार किया था,उन्होंने पूछताछ में बताया कि वह नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को मजबूत करने के इरादे से आए थे।
SIA ने उनके पास से नगद रुपए और 10 तोले का सोने का बिस्कुट भी बरामद किया है। वहीं पूछताछ में नक्सलियों की नई रणनीति और शहरी नेटवर्क की जड़ों की परते खुल सकती है। बताते चले कि रायपुर से गिरफ्तार नक्सली दंपति ने राजधानी के चंगोराभाठा इलाके में किराए का मकान लेकर पनाह ले रखी थी। इनमें से जग्गू नाम का नक्सली बीजापुर से रायपुर इलाज कराने आया था। वह अंबेडकर अस्पताल में भर्ती था और बीमारी का बहाना बनाकर लंबे समय से शहर में ठहरा हुआ था। इसी दौरान SIA को इनपुट मिला और उसने दोनों को दबोच लिया। यह कोई पहला मौका नहीं है जब नक्सलियों का शहरी नेटवर्क उजागर हुआ हो।
| जून 2025 में अबूझमाड़ से विस्फोटक सामग्री के साथ प्रकाश सोनी पकड़ा गया था। |
| अगस्त 2025 में हरियाणा के रोहतक से प्रियांशु कश्यप की गिरफ्तारी हुई थी, जो नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क से जुड़ा था। |
| इससे पहले 2024 और 2020 में भी मोहला-मानपुर, बढ़ईपारा और गुड़गांव से नक्सलियों की मदद करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया था। |
सियासत भी तेज
नक्सली लगातार शहरों में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मगर पुलिस खुफिया सूचनाओं के आधार पर इनके मंसूबे नाकाम भी कर रही है। इस गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है।
भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि अगर कांग्रेस भवन में भी नक्सली छिपे होंगे तो उन्हें कॉलर पकड़कर बाहर निकालेंगे।
तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने दावा किया कि राज्य सरकार नक्सलवाद के खात्मे को लेकर पूरी तरह संकल्पित है। उनके मुताबिक नक्सली चाहे जहां भी छिपें, सुरक्षाबल उन्हें ढूंढकर न्यूट्रलाइज करेंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा पर पलटवार किया। उन्होंने इसे सरकार की इंटेलिजेंस फेल्योर करार देते हुए कहा कि मार्च 2026 के चुनाव नजदीक आते ही भाजपा बहानेबाजी शुरू कर चुकी है। बैज ने सवाल उठाया कि रायपुर जैसे शहर में आखिर कितने और लोग छिपकर रह रहे हैं, इसका जवाब सरकार को देना चाहिए।
बड़ा सवाल राजधानी में मंत्री, अफसर और नेता रहते हैं। ऐसे में नक्सली दंपति का अस्पताल और मकान में छिपना कई सवाल खड़े करता है। क्या यह नक्सली सिर्फ इलाज के बहाने राजधानी आए थे या कोई बड़ी तैयारी चल रही थी? पुलिस अब इस एंगल से भी जांच कर रही है।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ ऑपरेशन लगातार तेज हो रहे हैं। बस्तर के अलावा गरियाबंद और धमतरी में भी नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। अब रायपुर से गिरफ्तारी यह बताती है कि बस्तर में दबाव बढ़ने के बाद नक्सली नए ठिकाने तलाश रहे हैं।
सियासी बयानबाजी चाहे जैसी हो, लेकिन राजधानी में नक्सलियों की मौजूदगी यह साफ करती है कि अर्बन नेटवर्क की जांच और उस पर लगाम लगाना अब बेहद जरूरी हो गया है।



