छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन का “काम बंद – कलम बंद” आंदोलन आज से

रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आज से प्रदेशव्यापी ‘काम बंद–कलम बंद’ आंदोलन की शुरुआत कर दी है। यह आंदोलन 31 दिसंबर तक चलेगा। आंदोलन को सफल बनाने के लिए फेडरेशन द्वारा लगातार टेबल-टू-टेबल संपर्क अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत शासकीय कार्यालयों में कर्मचारियों और अधिकारियों से सीधे संवाद कर समर्थन जुटाया जा रहा है।
फेडरेशन ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन कर्मचारियों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर किया जा रहा है, जिन्हें लंबे समय से शासन के समक्ष रखा गया है, लेकिन अब तक उन पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि बार-बार ज्ञापन और वार्ता के बावजूद मांगों की अनदेखी के चलते उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है।
आंदोलन को और मजबूती देते हुए राजपत्रित अधिकारी संघ ने भी फेडरेशन के समर्थन में उतरने का ऐलान किया है। संघ ने कहा है कि कर्मचारियों और अधिकारियों की मांगें जायज हैं और यदि सरकार ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
फेडरेशन के पदाधिकारियों के अनुसार, आंदोलन के दौरान सभी शासकीय कार्यालयों में नियमित कार्य प्रभावित रहेगा। हालांकि आवश्यक सेवाओं को आंदोलन से अलग रखने का दावा किया गया है। कर्मचारियों ने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से किया जाएगा, लेकिन मांगों पर ठोस पहल नहीं होने की स्थिति में आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
फेडरेशन ने सरकार से अपील की है कि कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए जल्द वार्ता की पहल की जाए। कर्मचारियों का कहना है कि वे टकराव नहीं चाहते, लेकिन अपने अधिकारों और लंबित मुद्दों को लेकर अब पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
प्रदेशभर में शुरू हुए इस आंदोलन से प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है, वहीं शासन की ओर से अब तक इस आंदोलन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।




