छत्तीसगढ़देश

कर्तव्य पथ पर दिखेगा जनजातीय वीर नायकों को समर्पित देश का पहला डिजिटल संग्रहालय

गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ की झांकी को मिली राष्ट्रीय पहचान

रायपुर, 29 दिसंबर 2025।आगामी गणतंत्र दिवस समारोह में नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की भव्य झलक देखने को मिलेगी। रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने जनजातीय वीर नायकों को समर्पित देश के पहले डिजिटल संग्रहालय पर आधारित छत्तीसगढ़ की झांकी को गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के लिए चयनित किया है।

इस डिजिटल संग्रहालय का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर नवा रायपुर अटल नगर में किया था। झांकी के चयन पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की झांकी के माध्यम से आदिवासी समाज की देशभक्ति, अद्भुत वीरता और अपने सिद्धांतों के लिए प्राण न्योछावर करने की गौरवशाली परंपरा पूरे देश के सामने प्रस्तुत होगी। यह राज्य के लिए गर्व और सम्मान का विषय है।जनसंपर्क विभाग के सचिव रोहित यादव ने बताया कि सभी राज्यों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों में से चार माह चली गहन चयन प्रक्रिया के बाद 17 राज्यों की झांकियों को अंतिम सूची में शामिल किया गया है, जिनमें छत्तीसगढ़ की झांकी को भी स्थान मिला। विशेषज्ञ समिति ने झांकी की विषयवस्तु, प्रस्तुति और डिज़ाइन की विशेष रूप से सराहना की।

जनसंपर्क आयुक्त डॉ. रवि मित्तल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘स्वतंत्रता का मंत्र – वंदे मातरम्’ पर आधारित है। झांकी में उन जनजातीय वीर नायकों के बलिदान को दर्शाया गया है, जिनकी स्मृति में देश का पहला डिजिटल संग्रहालय स्थापित किया गया है। यह संग्रहालय जनजातीय विद्रोहों, एकजुटता और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को नई पीढ़ी तक प्रेरणादायक रूप में पहुंचाने का सशक्त माध्यम है।

अधिकारियों ने बताया कि झांकी की थीम और डिज़ाइन जनसंपर्क आयुक्त के मार्गदर्शन में तैयार की गई, जिसे पांच चरणों की कठिन प्रक्रिया से गुजरने के बाद अंतिम स्वीकृति मिली। थ्री-डी मॉडल और संगीत चयन के बाद रक्षा मंत्रालय की समिति ने झांकी को अंतिम मंजूरी प्रदान क

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