छत्तीसगढ़ में वन भैंसों की संख्या बढ़कर 10 हुई : बारनवापारा अभ्यारण्य बना सुरक्षित ठिकाना

रायपुर – छत्तीसगढ़ में राजकीय पशु वन भैंसा (Wild Buffalo) की संख्या लगातार बढ़ रही है। ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, बारनवापारा अभ्यारण्य में अब कुल 10 वन भैंसे मौजूद हैं। हाल ही में यहाँ दो मादा और एक नर बच्चे का जन्म हुआ है, हालांकि इनमें से एक मादा बच्चे की आकस्मिक मौत हो गई। इसके बावजूद प्रदेश में वन भैंसों की संख्या 6 से बढ़कर 10 तक पहुँच गई है।
असम से लाए गए थे वन भैंसे
राज्य में वन भैंसा संरक्षण की शुरुआत 2017 में हुई थी। राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की बैठक में असम के मानस टाइगर रिजर्व से वन भैंसे लाने का निर्णय लिया गया। भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद वर्ष 2020 में 1 नर और 1 मादा वन भैंसा तथा वर्ष 2023 में 4 मादा वन भैंसे बारनवापारा अभ्यारण्य लाए गए।
संरक्षण से दिखा असर: बारनवापारा अभ्यारण्य के कोठारी परिक्षेत्र में बने 10 हेक्टेयर के बाड़े में रखे गए इन वन भैंसों ने यहाँ नए जीवन को जन्म देकर यह साबित कर दिया कि यह क्षेत्र उनके लिए पूरी तरह अनुकूल है। वर्ष 2024 में 2 बच्चों का जन्म हुआ और वर्ष 2025 में 3 बच्चों का, जिनमें से 2 जीवित हैं।
क्या कहा वन मंत्री केदार कश्यप ने
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में वन विभाग के प्रयासों से छत्तीसगढ़ में वन भैंसों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। उन्होंने कहा, “यह उपलब्धि वन विभाग की मेहनत और संरक्षण कार्यों की सफलता है। आने वाले समय में वन भैंसों की संख्या और बढ़ेगी तथा इन्हें वन क्षेत्रों में पुनः स्थापित किया जाएगा।”
वन विशेषज्ञों के अनुसार, वन भैंसों की संख्या में यह बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि बारनवापारा अभ्यारण्य संरक्षण के लिए उपयुक्त है। यदि इसी तरह प्रयास जारी रहे तो आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ में वन भैंसों की संख्या और तेजी से बढ़ेगी।





