सामक्का सागर परियोजना पर शुरू होगा काम: छत्तीसगढ़ सरकार ने NOC पर दी सहमति

रायपुर- गोदावरी नदी पर प्रस्तावित सामक्का सागर परियोजना को लेकर लंबे समय से चली आ रही अड़चन अब लगभग खत्म हो गई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस परियोजना को लेकर सैद्धांतिक रूप से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) देने पर सहमति जता दी है। यह निर्णय सोमवार को रायपुर में तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के बीच हुई बैठक के बाद सामने आया।
बैठक के दौरान परियोजना से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। मीडिया से बातचीत में मंत्री रेड्डी ने मुख्यमंत्री साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह फैसला परियोजना को आगे बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। अपने प्रेजेंटेशन में उन्होंने बताया कि सामक्का सागर बैराज मुलुगु जिले के तुपाकुलगुड़ेम में बन रहा है। यह बैराज 6.7 टीएमसी पानी संग्रहण क्षमता और 83 मीटर पूर्ण जलाशय स्तर (FRL) के साथ डिज़ाइन किया गया है। यह गोदावरी और इंद्रावती नदी के संगम के नीचे स्थित है।
छत्तीसगढ़ की चिंताएँ और समाधान
रेड्डी ने स्वीकार किया कि इस परियोजना के बैकवाटर से छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के भूपालपट्टनम तहसील का कुछ हिस्सा प्रभावित होगा। लगभग 13.06 हेक्टेयर भूमि,54.03 हेक्टेयर नदी क्षेत्र और6.35 हेक्टेयर नाला भूमि डूब क्षेत्र में आएगी। इसी कारण छत्तीसगढ़ ने पहले अपनी चिंताएँ व्यक्त की थीं। तेलंगाना सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह भूमि अधिग्रहण, मुआवजा और पुनर्वास की पूरी जिम्मेदारी उठाएगी। रेड्डी ने कहा कि इस प्रभाव का आकलन करने के लिए आईआईटी खड़गपुर को अध्ययन सौंपा गया था और तेलंगाना सरकार उसकी सिफारिशों को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार को अग्रिम एकमुश्त भुगतान करने का भी प्रस्ताव रखा गया है, ताकि प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी न हो।
तेलंगाना के लिए जीवनरेखा है परियोजना:मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा—“यह परियोजना न केवल नलगोंडा और वारंगल बल्कि पूरे तेलंगाना के लिए जीवनरेखा साबित होगी। इससे सूखा प्रभावित और फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों को शुद्ध पेयजल मिलेगा और लाखों किसानों को स्थायी सिंचाई का लाभ मिलेगा।



