पूरे देश में होगा वोटर लिस्ट का स्पेशल वेरिफिकेशन : चुनाव आयोग 10 सितंबर को करेगा बड़ी बैठक

दिल्ली – लोकतंत्र की रीढ़ कहे जाने वाले मतदाता सूची को और मजबूत व पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग अब पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण कराने जा रहा है। इसको लेकर 10 सितंबर को दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है, जिसमें देशभर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) शामिल होंगे। यह बैठक मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के फरवरी में पदभार संभालने के बाद तीसरी बड़ी बैठक होगी। इसमें तय रणनीति के आधार पर इस साल के अंत से पूरे देश में SIR अभियान शुरू हो जाएगा।
क्यों ज़रूरी है SIR?
मतदाता सूची में लंबे समय से कई खामियों की शिकायतें मिलती रही हैं—मृत व्यक्तियों के नाम अब भी लिस्ट में बने रहना,स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं का नाम हटना नहीं,डुप्लीकेट पंजीकरण,विदेशी नागरिकों का नाम शामिल होना। चुनाव आयोग का साफ कहना है कि SIR का मकसद इन सभी गड़बड़ियों को दूर करना और वोटर लिस्ट को सटीक और अपडेटेड बनाना है।
बिहार मॉडल अब पूरे देश में
हाल ही में बिहार में वोटर लिस्ट जांच की प्रक्रिया चलाई गई थी। अब आयोग उसी मॉडल को पूरे देश में लागू करने जा रहा है। यह कवायद विशेष तौर पर 2026 में होने वाले असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर की जा रही है।
कैसे होगी जांच?
चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया के दो विकल्प तय किए हैं
1. घर-घर जांचबूथ लेवल ऑफिसर (BLO) मतदाताओं के घर जाएंगे।वे प्री-फील्ड फॉर्म (मतदाता की जानकारी व दस्तावेज) लेकर जाएंगे।
2. ऑनलाइन सुविधाकोई भी व्यक्ति चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड कर भर सकता है।
स्क्रीनिंग के चार नियम
मतदाता की पहचान और दस्तावेज़ों की जांच के लिए आयोग ने चार नियम तय किए हैं :
1. 2003 की सूची में नाम पहले से दर्ज → कोई दस्तावेज नहीं, सिर्फ फॉर्म भरना होगा।
2. 1 जुलाई 1987 से पहले जन्म → जन्मतिथि या जन्मस्थान का प्रमाण देना होगा।
3. 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्म → जन्मतिथि और जन्मस्थान दोनों का प्रमाण देना होगा।
4. 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे → जन्मतिथि, जन्मस्थान का प्रमाण और माता-पिता के दस्तावेज देना होंगे।
प्रवासी नागरिकों पर भी नज़र
सूत्रों के अनुसार कई राज्यों में बांग्लादेश और म्यांमार से आए प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। ऐसे में SIR प्रक्रिया के दौरान अवैध मतदाताओं की पहचान पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।




