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कोल लेवी घोटाले में ED के पत्र से चढ़ा सियासी पारा, पत्र में 10 IAS,IPS अफसरों पर हैं कार्रवाई की सिफारिश

रायपुर – छत्तीसगढ़ के 570 करोड़ के कोल लेवी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सिफारिश ने सियासी तापमान चढ़ा दिया है। ईडी ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर 10 वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की सिफारिश की है।

इस पत्र को लेकर रायपुर से बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दो टूक कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों को हमारी सरकार नहीं छोड़ेगी। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मे लिप्त अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। अग्रवाल ने कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा, यह घोटाला कांग्रेस की देन है। वे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहे, लेकिन भाजपा सरकार सबको बख्शेगी नहीं। सांसद ने कहा कि भाजपा की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति से नौकरशाही में सफाई आएगी, और दोषी अधिकारी निलंबित होकर सलाखों के पीछे पहुंचेंगे।

सांसद अग्रवाल का यह बयान नौकरशाही में भूचाल ला रहा है, जहां पहले ही कई बड़े नाम जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि कोयला परिवहन पर लगने वाली लेवी में हेराफेरी कर राज्य को 570 करोड़ का चूना लगाया गया। ऑनलाइन कोल परमिट को जानबूझकर ऑफलाइन मोड में बदला गया, जिससे अवैध वसूली का जाल बिछा। यह घोटाला मुख्य रूप से कांग्रेस शासन (2018-2023) में पनपा, जब प्रति टन कोयले पर 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली जाती थी। ईडी ने अब तक 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, और संपत्तियां जब्त कर लीं। निलंबित आईएएस समीर विश्नोई, रानू साहू, सौम्या चौरसिया, अनिल टूटेजा और सूर्यकांत तिवारी जैसे आरोपी सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत पर है,तो कुछ जेल में है। सूर्यकांत तिवारी को मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जिनकी संपत्तियां 49 करोड़ की जब्त हो चुकी हैं।

इस मामले में कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने इसे ‘राजनीतिक स्टंट’ बताते हुए कहा कि ईडी का इस्तेमाल बदले की राजनीति के लिए हो रहा है। ED लगातार हमारे नेताओं को टारगेट करती है।

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CG Bulletin Desk1

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