
रायपुर। भारत माला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में मुआवजा राशि के बंदरबांट से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है। राजस्व अधिकारियों और दलालों के सिंडिकेट ने स्वर्गवासी जमीन मालिकों की विधवा खड़ी कर करोड़ों रुपए हड़प लिए। इस पूरे प्रकरण का खुलासा EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) की जांच में हुआ है।
जानकारी के मुताबिक गोकुल गांव में स्वर्गवासी स्वामी विश्वनाथ पांडे के नाम पर 2.126 हेक्टेयर जमीन दर्ज थी। उनकी मृत्यु के बाद जमीन पर असली वारिस 4 पुत्र और 1 पुत्री को इसकी कोई भनक नहीं लगी।
इसी बीच, उमा तिवारी नामक महिला ने खुद को स्वर्गवासी मालिक की विधवा बताकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए ₹2 करोड़ 13 लाख 88 हजार से अधिक की मुआवजा राशि वसूल ली। जानकारी के मुताबिक, इस पूरे खेल में राजस्व अधिकारियों और स्थानीय दलालों की मिलीभगत रही।
EOW की जांच में यह भी सामने आया है कि सिंडिकेट ने कई मामलों में इस तरह की हेराफेरी की। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। EOW की ओर से न्यायालय में पेश किए गए चालान में इस पूरे मुआवजा घोटाले का विस्तार से खुलासा किया गया है।




