छत्तीसगढ़ में सोलर क्रांति: 58,500 आवेदन, 6,500 घरों में लगे पैनल, 17,000 प्रगति पर

पीएम सूर्यघर योजना में डबल सब्सिडी का असर
रायपुर – प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सब्सिडी देने के फैसले का बड़ा असर दिखाई देने लगा है। योजना के तहत आवेदनों और रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापनाओं की रफ्तार दोगुनी से ज्यादा हो गई है। अब तक 58,500 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 6,500 घरों में सोलर पैनल लग चुके हैं और 17,000 स्थापनाएं प्रक्रिया में हैं।
प्रदेश के उपभोक्ता अब आधे बिजली बिल से आगे बढ़कर शून्य बिल की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि लोग सस्ती बिजली के लिए सरकारी सप्लाई पर निर्भर रहने के बजाय ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
केन्द्र और राज्य की संयुक्त सब्सिडी
केन्द्र सरकार पहले से योजना के तहत एक किलोवाट पर ₹30,000, दो किलोवाट पर ₹60,000 और तीन किलोवाट पर ₹78,000 की सब्सिडी दे रही थी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 18 जून 2025 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य सरकार की ओर से भी सब्सिडी देने की घोषणा की। इसके तहत अब एक किलोवाट पर ₹15,000, दो किलोवाट पर ₹30,000 और तीन किलोवाट पर ₹30,000 की अतिरिक्त मदद दी जा रही है।इस तरह उपभोक्ताओं को अब कुल सब्सिडी 1 किलोवाट पर ₹45,000, दो किलोवाट पर ₹90,000 और तीन किलोवाट पर ₹1,08,000 मिल रही है। साथ ही बैंकों से 10 वर्षों के लिए 6% ब्याज दर पर आसान ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
भरोसा बढ़ाने वाली पहल
राज्य सरकार ने सब्सिडी का भुगतान तेज़ी से करने के निर्देश दिए हैं। 8 सितंबर को आयोजित एक कार्यक्रम में 618 हितग्राहियों को ₹1.85 करोड़ की सब्सिडी सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की गई। अब यह व्यवस्था लागू कर दी गई है कि स्थापना के एक माह के भीतर राज्य सब्सिडी प्रदान कर दी जाएगी।
दोगुना हुआ ग्रोथ रेट
राज्य सब्सिडी लागू होने से पहले योजना में औसतन हर महीने 1,607 आवेदन और 337 स्थापनाएं होती थीं। सब्सिडी घोषणा के बाद ये आंकड़े बढ़कर औसतन 3,906 आवेदन और 744 स्थापनाएं प्रति माह हो गए हैं।
राज्य सरकार का दावा है कि पीएम सूर्यघर योजना से छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। बड़ी संख्या में लोग आत्मनिर्भर ऊर्जा की ओर बढ़ रहे हैं और आने वाले महीनों में यह रफ्तार और तेज होगी।



