सड़क हादसे रोकने नई SOP लागू , निगरानी दल पकड़ेंगे पशु, तीन दिन में टीमें तैनात, एक महीने चलेगा विशेष अभियान

रायपुर। आवारा पशुओं से होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए रायपुर जिला प्रशासन ने बड़ी पहल की है। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के निर्देशन में जिले में नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) लागू की गई है। इसका उद्देश्य सड़कों पर हादसे कम करना, पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और नागरिकों को सुरक्षित आवागमन उपलब्ध कराना है।
कलेक्टर ने नगर निगम, पुलिस, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पशुपालन, कृषि, लोक निर्माण विभाग (PWD), एनएचएआई और राजस्व विभाग को संयुक्त रूप से काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग और प्रमुख सड़कों पर ऐसे संवेदनशील स्थानों की पहचान कर निगरानी रखी जाए जहां आवारा पशुओं के कारण दुर्घटनाओं का खतरा अधिक है।

सड़क निर्माण और रखरखाव करने वाले विभागों, खासकर एनएचएआई और टोल ठेकेदारों को सड़कों पर पशुओं की आवाजाही रोकने के लिए फेंसिंग, गेट और सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
एसओपी के अनुसार, हर ग्राम पंचायत और नगर निकाय स्तर पर निगरानी दल बनाए जाएंगे। ये दल सड़कों पर घूमने वाले पशुओं को पकड़कर गोठान या पंजीकृत आश्रय स्थलों में रखेंगे। कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति इस अभियान की साप्ताहिक समीक्षा करेगी और तीन दिनों में निगरानी दलों को काम शुरू करने का आदेश दिया गया है।
📞 शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर जारी:
1033 — राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए
1100 — शहरी क्षेत्र के लिएक
कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने कहा यह केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का अभियान है। हमारा उद्देश्य है कि आवारा पशुओं को सुरक्षित ठिकाना मिले और लोगों को सुरक्षित सड़कें मिलें। उन्होंने धार्मिक संस्थाओं, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों से इस अभियान में शामिल होने की अपील की।
एक महीने तक दिन-रात विशेष अभियान चलेगा। सभी विभागों को प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय में देने के निर्देश दिए गए हैं। निगरानी दलों में लोक निर्माण, पुलिस, पशुपालन, पंचायत, कृषि, राजस्व विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। कलेक्टर ने कहा कि इस प्रक्रिया से सड़कों की सुरक्षा बढ़ेगी, दुर्घटनाएं घटेंगी और पशुओं को भी सुरक्षित ठिकाना मिलेगा।




