NCR की तर्ज पर बनेगा छत्तीसगढ़ का SCR, राज्यपाल की मंजूरी, 1 नवंबर से पहले आयेगा अस्तित्व में

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजधानी क्षेत्र के विकास को नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब इस संबंध में नियम बनाने का काम शुरू हो गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी राज्योत्सव 1 नवंबर से पहले यह प्राधिकरण अस्तित्व में आ जाएगा।
रायपुर, नवा रायपुर, दुर्ग-भिलाई होंगे शामिल
राजधानी रायपुर, नवा रायपुर, दुर्ग-भिलाई, चरौदा और कुम्हारी को स्टेट कैपिटल रीजन में शामिल किया जाएगा। विधानसभा के मानसून सत्र में पारित यह विधेयक अब अधिनियम बन चुका है। विधि विभाग के परामर्श से नियम तैयार किए जा रहे हैं और जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।
एनआरडीए की तर्ज पर बनेगा नया प्राधिकरण
स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (CRDA) की संरचना नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (NRDA) की तर्ज पर होगी। मुख्यमंत्री इसके चेयरमैन होंगे। मुख्य सचिव (CS) को सीईओ की जिम्मेदारी मिलेगी। नगरीय प्रशासन, पर्यावरण और पीडब्ल्यूडी मंत्री, चार विधायक और निर्वाचित सदस्य भी प्राधिकरण में शामिल रहेंगे।अधिसूचना जारी होने के बाद एक कमेटी बनाई जाएगी जो कैपिटल रीजन का दायरा तय करेगी।
मास्टर प्लान और आबादी का अनुमान
सरकारी अनुमान है कि वर्ष 2031 तक इस क्षेत्र में 50 लाख की आबादी होगी। उसी के अनुरूप मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। बजट में सरकार ने डीपीआर और प्लानिंग के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है।
हाउसिंग और इंडस्ट्री पर फोकस
SCR के तहत हाउसिंग और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स को मंजूरी के लिए अब CRDA की अनुमति अनिवार्य होगी। इसके लिए नगरीय निकायों, निवेशकों और सरकारी विभागों के बीच तालमेल स्थापित किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस कदम से राजधानी क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
क्या कहा वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने
NCR की तर्ज पर SCR एक्ट मानसून सत्र में लाया गया था। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद अब यह अधिनियम बन चुका है। 1 नवंबर से पहले नया प्राधिकरण अस्तित्व में आ जाएगा। अगले 10 से 15 साल में छत्तीसगढ़ में व्यापक विकास देखने को मिलेगा।”
NCR की तर्ज पर SCR एक्ट मानसून सत्र में लाया गया था। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद अब यह अधिनियम बन चुका है। 1 नवंबर से पहले नया प्राधिकरण अस्तित्व में आ जाएगा। अगले 10 से 15 साल में छत्तीसगढ़ में व्यापक विकास देखने को मिलेगा।”



