सुकमा में 50 लाख के इनामी समेत 27 नक्सलियों ने किया सरेंडर,गृहमंत्री शर्मा बोले मरना नहीं जीना जरूरी है

सुकमा – छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। 50 लाख रुपये के इनामी सहित कुल 27 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 10 महिला और 17 पुरुष नक्सली शामिल हैं।
सरेंडर करने वालों में कई प्रमुख नक्सली कैडर के सदस्य शामिल हैं, जो लंबे समय से सुकमा और आसपास के इलाकों में नक्सली गतिविधियों में लिप्त थे। इन नक्सलियों ने सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।
आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इनसे कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी मिलने की संभावना जताई जा रही है, जो भविष्य में नक्सल विरोधी अभियान को और मज़बूती देगी।
HM विजय शर्मा का नक्सलियों को बड़ा संदेश,मरना नहीं, जीना जरूरी है
नक्सल लीडर्स के लगातार आत्मसमर्पण पर गृह मंत्री विजय शर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की रणनीति की बड़ी सफलता बताते हुआ कहा कि “बड़े नक्सली अब अन्य राज्यों से भी समर्पण कर रहे हैं — उन्हें यह अहसास हो गया है कि मरना नहीं, जीना जरूरी है। गढ़चिरौली में 60 और सुकमा में 27 लोगों का आत्मसमर्पण इस बदलाव की मिसाल है। हम हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने वाले सभी लोगों का लाल कालीन बिछाकर स्वागत करेंगे। सरकार उनका पुनर्वास और सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन नक्सलियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई व पूछताछ नियमानुसार होगी, लेकिन जो लोग सच्चे मन से मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उनके लिए पुनर्वास योजनाएँ प्रभावी तरीके से लागू की जाएंगी।




