मिशन 2026 का काउंटडाउन शुरू,डबल इंजन सरकार के एक्शन से नक्सलवाद पर कंसा शिकंजा

रायपुर – देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर से ऐलान किया था कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का समूल सफाया कर दिया जाएगा। इस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में छत्तीसगढ़ की ज़मीन पर सुरक्षा बलों का बड़ा ऑपरेशन लगातार जारी है और नतीजे भी साफ दिख रहे हैं।
गरियाबंद से बीजापुर तक फोर्स का एक्शन
गरियाबंद: मैनपुर इलाके के जंगलों में दो दिन से चल रहे ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने अब तक 10 नक्सलियों को मार गिराया है। मारे गए नक्सलियों में 1 करोड़ का इनामी मोडेम बालकृष्ण भी शामिल है, जो संगठन का केंद्रीय समिति सदस्य और कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था।
बीजापुर: गंगालूर इलाके में आज 12 सितंबर को DRG (District Reserve Guard) के जवानों ने नक्सलियों को घेर लिया। मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए। इसके पूर्व CPI (माओवादी) का जनरल सेक्रेटरी और टॉप कमांडर नम्बाला केशव राव उर्फ बसवराजु 21 मई 2025 को छत्तीसगढ़ के अबुझमाड़ (नारायणपुर-बीजापुर सीमा) में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में मारा गया। उसकी मौत से नक्सलियों की रणनीतिक योजना और राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व संरचना ध्वस्त हो गई। उसकी मौत से संगठन के कई ज़ोनल डिवीज़न का नियंत्रण कमजोर हो गया।।
सत्ता में आते ही हुई अभूतपूर्व कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान ने नई ऊंचाइयां छू ली हैं। दिसंबर 2023 में सत्ता संभालने के बाद से साय सरकार ने नक्सल उन्मूलन को प्राथमिकता दी, जिसके परिणामस्वरूप 2025 में कई ऐतिहासिक ऑपरेशन हुए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत, राज्य ने नक्सलियों के खिलाफ अभूतपूर्व कार्रवाई की है। आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 से अब तक 453 से अधिक नक्सली ढेर, 1,600 से ज्यादा गिरफ्तार और 1,700 ने आत्मसमर्पण किया है।
डेढ़ सालों में नक्सल के खिलाफ बड़े ऑपरेशंस
थुलथुली जंगल मुठभेड़ (नारायणपुर-दंतेवाड़ा): अक्टूबर 2024 में हुई यह देश की सबसे बड़ी नक्सल मुठभेड़ थी। 9 घंटे तक चले ऑपरेशन में 1,000 से अधिक जवानों ने 15 किमी के दायरे में घेराबंदी कर 31 नक्सलियों को मार गिराया,
कर्रेगुट्टा पहाड़ी ऑपरेशन (बीजापुर): मई 2025 में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर 21 दिनों तक चले इस ऑपरेशन में 31 कुख्यात नक्सली ढेर हुए। खराब मौसम और दुर्गम इलाकों के बावजूद सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी की संयुक्त कार्रवाई सफल रही।
बीजापुर-गंगालूर और कांकेर-नारायणपुर कार्रवाई: मार्च 2025 में दो समानांतर ऑपरेशन में 30 नक्सली मारे गए, जिनमें 26 बीजापुर और 4 कांकेर में थे।
उपमपल्ली मुठभेड़ (सुकमा): मार्च 2025 में केरलापाल क्षेत्र में डीआरजी के साहसिक ऑपरेशन में 16 नक्सली ढेर हुए।
ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट: सितंबर 2025 में 8 दिनों तक चले इस ऑपरेशन में 24,000 जवानों ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से नक्सली ठिकानों को नष्ट किया।
क्यों अहम है मिशन 2026?
मिशन 26 यह सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश में नक्सलवाद को ख़त्म करने का रोडमैप है।डबल इंजन सरकार की संयुक्त रणनीति के तहत लगातार ऑपरेशन, सरेंडर पॉलिसी और विकास कार्य तेज़ी से चल रहे हैं।नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और सुरक्षा कैंप तेजी से बढ़ाए जा रहे हैं। साय सरकार नक्सलियों के सफाए के साथ ही बस्तर के विकास पर जोर दे रही है।
साय सरकार की रणनीति: सुरक्षा और विकास का संगम
मुख्यमंत्री साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 50 से अधिक नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए और आत्मसमर्पण नीति-2025 के तहत 1,700 नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ा। बस्तर में सड़क, बिजली और ग्रामीण संपर्क के लिए केंद्र से 195 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली। सीएम साय ने कहा, “हमारा लक्ष्य मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल-मुक्त बनाना है। यह केवल सुरक्षा का नहीं, बल्कि विकास और शांति का मिशन है।”
क्या कहा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने
नक्सलियों के विरुद्ध हमारे सुरक्षा बलों ने आज एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। छत्तीसगढ़ में CRPF की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और DRG ने जॉइंट ऑपरेशन चलाकर ₹1 करोड़ के इनामी सीसीएम मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज सहित 10 कुख्यात नक्सलियों को मारा गिराया है। समय रहते बचे-खुचे नक्सली भी आत्मसमर्पण कर दें। आगामी 31 मार्च से पहले लाल आतंक का समूल नाश निश्चित है।
सीएम विष्णु देव साय ने कहा
बस्तर में विश्वास, विकास व शांति के नए सूर्य का उदय हो रहा है।हमें पूर्ण विश्वास है कि मार्च 2026 तक यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और माननीय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में “नक्सलमुक्त भारत” का संकल्प साकार होकर रहेगा।



