नवरात्रि व्रत 2025: 9 दिन के उपवास में क्या खाएं और क्या नहीं, जानें नियम और आहार सूची

हिन्दू धर्म में नवरात्रि का पर्व बेहद पवित्र और श्रद्धा से जुड़ा हुआ माना जाता है। साल में दो बार आने वाली नवरात्रि में भक्त माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और आराधना करते हैं। शारदीय नवरात्रि इस बार विशेष है, क्योंकि यह पूरे नौ दिनों तक भक्तिभाव और उपवास का अवसर लेकर आई है। इस दौरान भक्त उपवास रखते हैं और देवी माँ को प्रसन्न करने के लिए सात्विक जीवन जीते हैं। व्रत का उद्देश्य केवल देवी आराधना ही नहीं, बल्कि शरीर और मन को शुद्ध करना भी है।
नवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए?
व्रत के दौरान सामान्य अनाज और मसालों का सेवन नहीं किया जाता। भक्तजन केवल फलाहार और व्रत में अनुमत भोजन ग्रहण करते हैं। व्रत में खाए जाने वाले प्रमुख आहार इस प्रकार हैं:
- साबूदाना – साबूदाने की खिचड़ी, वड़ा या खीर बनाकर खाई जाती है।
- समक चावल– जिसे व्रत का चावल कहा जाता है। इससे खिचड़ी और पुलाव बनाए जाते हैं।
- सिंघाड़ा और कुट्टू का आटा – इनसे पूरी, पराठा और हलवा बनाया जाता है।
- आलू, शकरकंद और अरबी – व्रत में बनने वाली सब्जियों में सबसे लोकप्रिय।
- फल और सूखे मेवे – केला, सेब, अंगूर, नारियल, बादाम और अखरोट व्रत में खूब खाए जाते हैं।
- दूध और दूध से बनी चीजें – दही, पनीर, मखाना और छाछ व्रत में उपयोगी रहते हैं।
- सेंधा नमक– साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है।
उपवास के दौरान किस भोजन की अनुमति है?
हिन्दू परंपरा के अनुसार उपवास में केवल सात्विक और हल्का भोजन करना चाहिए। इसमें शामिल हैं:
- ताजे फल और उनका जूस
- नारियल पानी और नींबू पानी
- ड्राई फ्रूट्स और मखाना
- दूध और छाछ
- हल्की हरी सब्जियां
- इन खाद्य पदार्थों से शरीर को ऊर्जा भी मिलती है और व्रत का महत्व भी बना रहता है।
नवरात्रि व्रत में कुछ चीजें पूरी तरह वर्जित मानी जाती हैं।
- गेहूं, चावल और दालें – इनका सेवन नहीं किया जाता।
- साधारण नमक– केवल सेंधा नमक मान्य है।
- प्याज और लहसुन – व्रत में इनका सेवन अशुद्ध माना जाता है।
- मांसाहार और शराब– व्रत के दौरान इनसे सख्ती से परहेज़ किया जाता है।
नवरात्रि उपवास के नियम
- रोज सुबह स्नान कर देवी दुर्गा की पूजा और मंत्रोच्चारण करें।
- केवल सात्विक और फलाहार भोजन ही करें।
- संयम और सदाचार का पालन करें।
- नवरात्रि में नौ दिनों तक माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना करें।
- व्रत तोड़ते समय सात्विक भोजन से ही शुरुआत करें।
नवरात्रि व्रत केवल आस्था का ही नहीं, बल्कि आत्मसंयम और शुद्ध जीवनशैली अपनाने का पर्व भी है। नौ दिन तक सात्विक भोजन करने से शरीर को शांति और ऊर्जा मिलती है, साथ ही मन भी आध्यात्मिकता से भर जाता है। भक्तों के लिए यह समय माँ दुर्गा के प्रति भक्ति और आत्मिक शुद्धि का अवसर होता है। इस तरह नवरात्रि उपवास में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं और इसके नियमों का पालन कर भक्त अपनी आस्था को और मजबूत बना सकते हैं।



