
रायपुर। छत्तीसगढ़ महिला आयोग में बड़ा विवाद सामने आया है। आयोग की सदस्य लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया और दीपिका सोरी ने आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तीनों सदस्यों ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर अध्यक्ष और सचिव अभय सोनवानी पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि महिला आयोग अब नियमों के अनुसार नहीं चल रहा।
सदस्यों ने आरोप लगाया कि आयोग की कार्यप्रणाली पूरी तरह एकतरफा और गैर-पारदर्शी हो चुकी है। लक्ष्मी वर्मा ने कहा कि महिला आयोग में काम नियम से नहीं हो रहा है। अध्यक्ष सभी मामलों में खुद फैसला लेती हैं, जबकि नियम के अनुसार किसी भी सुनवाई में दो सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है। हमें किसी भी केस की जानकारी नहीं दी जाती। न हमें बुलाया जाता है।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुनवाई के दौरान अनधिकृत लोगों को शामिल करती हैं। कई बार उनके पति और दो निजी वकील भी आयोग की सुनवाई में बैठे रहते हैं। हमने कई बार मौखिक रूप से आपत्ति जताई, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। तीनों सदस्यों ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को आयोग की सुनवाई का बहिष्कार किया।
आयोग की सदस्यों ने कहा कि वे इस पूरे मामले को लेकर विधि विभाग को जानकारी देने, साथ ही मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाकात करने की तैयारी में हैं। सदस्यों ने चेतावनी दी कि जरूरत पड़ने पर वे कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगी।
अध्यक्ष के चेंबर में लगे फोटो पर भी उठे सवाल
महिला आयोग में विवाद केवल कार्यशैली तक सीमित नहीं रहा। सदस्यों ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष किरणमयी नायक के चेंबर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और भूपेश बघेल की तस्वीरें लगी हैं। आयोग की सदस्य सरला कोसरिया ने सवाल उठाते हुए कहा कि महिला आयोग एक संवैधानिक संस्था है। वहां राजनीतिक नेताओं की तस्वीरें क्यों लगी हैं? वहां पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल की तस्वीरें होनी चाहिए, न कि किसी पार्टी के नेताओं की।




