छत्तीसगढ़

चिनाब ब्रिज से INS विक्रांत तक और अब आइजोल ब्रिज, हर मेगा प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ का स्टील

रायपुर/आइजोल – देश के बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में लगातार अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा छत्तीसगढ़ का भिलाई स्टील प्लांट (BSP) अब पूर्वोत्तर भारत के लिए नई इबारत लिख चुका है। दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज, सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत के बाद अब BSP के स्टील से मिजोरम की राजधानी आइजोल रेल नेटवर्क से जुड़ गई है।

देश का दूसरा सबसे बड़ा पियर ब्रिज

भिलाई स्टील प्लांट से भेजे गए 30-35 हजार टन लोहे और स्टील से आइजोल के पास पियर ब्रिज तैयार हुआ है। इस ब्रिज की ऊंचाई 114 मीटर है, जो देश का दूसरा सबसे ऊंचा ब्रिज है। तुलना करें तो, जम्मू-कश्मीर में चिनाब रेलवे ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है। ब्रिज को बनाने में 10 साल से ज्यादा का समय लगा।

7 घंटे का सफर घटकर 3 घंटे

अब तक मिजोरम के कई इलाके सड़क मार्ग पर निर्भर थे। नए रेल मार्ग से बइरबी से सायरंग का 7 घंटे का सफर अब सिर्फ 3 घंटे में पूरा होगा। यह कनेक्टिविटी आगे म्यांमार बॉर्डर तक बढ़ाई जाएगी, जिससे व्यापार और रणनीतिक दृष्टि से भी बड़ा फायदा होगा।

8 हजार करोड़ की लागत, 51.38 किमी रेल लाइन

बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट की शुरुआत 2014 में हुई थी। उस समय लागत का अनुमान 5020 करोड़ रुपए था, लेकिन ब्रिज और 51.38 किमी लंबी रेल लाइन के निर्माण पर खर्च बढ़कर 8071 करोड़ रुपए पहुंच गया।इस प्रोजेक्ट में बिलासपुर जोन की इंजीनियरिंग टीम, मशीनरी और विशेषज्ञों की भी अहम भूमिका रही।

भिलाई का स्टील हर मेगा प्रोजेक्ट में

भिलाई स्टील प्लांट (BSP) एरिया और उत्पादन दोनों के हिसाब से एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है।इसकी स्थापना 1955 में सोवियत संघ की मदद से हुई थी। स्टील निर्माण के लिए जरूरी कच्चा माल आसपास की माइंस से ही मिलता है। आयरन ओर – राजहरा माइंस (100 किमी दूर) लाइम स्टोन – नंदिनी माइंस (25 किमी दूर)डोलोमाइट – हिर्री, बिलासपुर (140 किमी दूर)

आजादी के बाद पहली बार रेल से जुड़ा आइजोल

मिजोरम की राजधानी आइजोल आजादी के बाद पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ी है। यह न सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विकास का रास्ता खोलेगा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है। रेलवे का दावा है कि यह प्रोजेक्ट पूरे पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी को एक नई दिशा देगा।

PM मोदी ने किया लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ऐतिहासिक प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर रेल लाइन का उद्घाटन कर तीन ट्रेनों को हरी झंडी भी दिखाई।

छत्तीसगढ़ का भिलाई स्टील प्लांट लगातार साबित कर रहा है कि देश की बड़ी से बड़ी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं उसके स्टील के बिना अधूरी हैं। अब मिजोरम के आइजोल को रेल नेटवर्क से जोड़कर BSP ने न सिर्फ पूर्वोत्तर को नई पहचान दी है, बल्कि एक बार फिर “स्टील की रीढ़” के रूप में अपनी साख को मजबूत किया है।

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CG Bulletin Desk1

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